Adhyay : 11 Mantra : 72 Back to listings ब्रह्महा द्वादश समाः कुटीं कृत्वा वने वसेत् । भैक्षाश्यात्मविशुद्ध्यर्थं कृत्वा शवशिरो ध्वजम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related