Adhyay : 11 Mantra : 41 Back to listings अग्निहोत्र्यपविध्याग्नीन्ब्राह्मणः कामकारतः । चान्द्रायणं चरेन्मासं वीरहत्यासमं हि तत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related