Adhyay : Mantra : 30 Back to listings प्रभुः प्रथमकल्पस्य योऽनुकल्पेन वर्तते । न सांपरायिकं तस्य दुर्मतेर्विद्यते फलम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related