Adhyay : 11 Mantra : 262 Back to listings ऋक्संहितां त्रिरभ्यस्य यजुषां वा समाहितः । साम्नां वा सरहस्यानां सर्वपापैः प्रमुच्यते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related