Adhyay : 11 Mantra : 242 Back to listings तपसैव विशुद्धस्य ब्राह्मणस्य दिवौकसः । इज्याश्च प्रतिगृह्णन्ति कामान्संवर्धयन्ति च Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related