यत्किं चिदेनः कुर्वन्ति मनोवाङ्गूर्तिभिर्जनाः । तत्सर्वं निर्दहन्त्याशु तपसैव तपोधनाः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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