Adhyay : 11 Mantra : 223 Back to listings त्रिरह्नस्त्रिर्निशायां च सवासा जलं आविशेत् । स्त्रीशूद्रपतितांश्चैव नाभिभाषेत कर्हि चित् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related