Adhyay : 11 Mantra : 209 Back to listings अनुक्तनिष्कृतीनां तु पापानां अपनुत्तये । शक्तिं चावेक्ष्य पापं च प्रायश्चित्तं प्रकल्पयेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related