Adhyay : 11 Mantra : 206 Back to listings अवगूर्य त्वब्दशतं सहस्रं अभिहत्य च । जिघांसया ब्राह्मणस्य नरकं प्रतिपद्यते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related