Adhyay : 11 Mantra : 20 Back to listings यद्धनं यज्ञशीलानां देवस्वं तद्विदुर्बुधाः । अयज्वनां तु यद्वित्तं आसुरस्वं तदुच्यते Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related