जपित्वा त्रीणि सावित्र्याः सहस्राणि समाहितः । मासं गोष्ठे पयः पीत्वा मुच्यतेऽसत्प्रतिग्रहात्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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