निन्दित कर्म करने पर जो उपनयनयुक्त द्विज प्रायश्चित करके अपने को शुद्ध करना चाहते है और वेदादि के त्यागने पर जो प्रायश्चित करके शुद्ध होना चाहते हैं उन्हें भी पूर्वोक्त व्रत करने को कहें ।
निन्दित कर्म करने पर जो उपनयनयुक्त द्विज प्रायश्चित करके अपने को शुद्ध करना चाहते है और वेदादि के त्यागने पर जो प्रायश्चित करके शुद्ध होना चाहते हैं उन्हें भी पूर्वोक्त व्रत करने को कहें ।