जिन द्विजों का यज्ञोपवीत संस्कार (यथाविधि) उचित समय (इस संस्करण में 2/11-13) पर नहीं हुआ हों, उनको तीन कृच्छ व्रत कराके विधिपूर्वक उनका उपनयन संस्कार कर देना चाहिए ।
जिन द्विजों का यज्ञोपवीत संस्कार (यथाविधि) उचित समय (इस संस्करण में 2/11-13) पर नहीं हुआ हों, उनको तीन कृच्छ व्रत कराके विधिपूर्वक उनका उपनयन संस्कार कर देना चाहिए ।