Adhyay : 11 Mantra : 186 Back to listings प्रायश्चित्ते तु चरिते पूर्णकुम्भं अपां नवम् । तेनैव सार्धं प्रास्येयुः स्नात्वा पुण्ये जलाशये Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related