Adhyay : 11 Mantra : 18 Back to listings ब्राह्मणस्वं न हर्तव्यं क्षत्रियेण कदा चन । दस्युनिष्क्रिययोस्तु स्वं अजीवन्हर्तुं अर्हति । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related