Adhyay : 11 Mantra : 174 Back to listings मैथुनं तु समासेव्य पुंसि योषिति वा द्विजः । गोयानेऽप्सु दिवा चैव सवासाः स्नानं आचरेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related