Adhyay : Mantra : 171 Back to listings पैतृस्वसेयीं भगिनीं स्वस्रीयां मातुरेव च । मातुश्च भ्रातुस्तनयां गत्वा चान्द्रायणं चरेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related