Adhyay : 11 Mantra : 162 Back to listings धान्यान्नधनचौर्याणि कृत्वा कामाद्द्विजोत्तमः । स्वजातीयगृहादेव कृच्छ्राब्देन विशुध्यति । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related