तथाऐव सप्तमे भक्ते भक्तानि षडनश्नता । अश्वस्तनविधानेन हर्तव्यं हीनकर्मणः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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