अज्ञानाद्वारुणीं पीत्वा संस्कारेणैव शुध्यति । मतिपूर्वं अनिर्देश्यं प्राणान्तिकं इति स्थितिः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *