Adhyay : 11 Mantra : 139 Back to listings दानेन वधनिर्णेकं सर्पादीनां अशक्नुवन् । एकैकशश्चरेत्कृच्छ्रं द्विजः पापापनुत्तये । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related