Adhyay : 11 Mantra : 133 Back to listings अभ्रिं कार्ष्णायसीं दद्यात्सर्पं हत्वा द्विजोत्तमः । पलालभारकं षण्ढे सैसकं चैकमाषकम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related