पयः पिबेत्त्रिरात्रं वा योजनं वाध्वनो व्रजेत् । उपस्पृशेत्स्रवन्त्यां वा सूक्तं वाब्दैवतं जपेत्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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