Adhyay : 11 Mantra : 132 Back to listings पयः पिबेत्त्रिरात्रं वा योजनं वाध्वनो व्रजेत् । उपस्पृशेत्स्रवन्त्यां वा सूक्तं वाब्दैवतं जपेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related