Adhyay : 11 Mantra : 130 Back to listings एतदेव व्रतं कृत्स्नं षण्मासाञ् शूद्रहा चरेत् । वृषभैकादशा वापि दद्याद्विप्राय गाः सिताः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related