Adhyay : 11 Mantra : 128 Back to listings त्र्यब्दं चरेद्वा नियतो जटी ब्रह्महणो व्रतम् । वसन्दूरतरे ग्रामाद्वृक्षमूलनिकेतनः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related