एतदेव व्रतं कुर्युरुपपातकिनो द्विजाः । अवकीर्णिवर्ज्यं शुद्ध्यर्थं चान्द्रायणं अथापि वा

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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