Adhyay : 11 Mantra : 106 Back to listings चान्द्रायणं वा त्रीन्मासानभ्यस्येन्नियतेन्द्रियः । हविष्येण यवाग्वा वा गुरुतल्पापनुत्तये । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related