Adhyay : 10 Mantra : 90 Back to listings कामं उत्पाद्य कृष्यां तु स्वयं एव कृषीवलः । विक्रीणीत तिलाञ् शूद्रान्धर्मार्थं अचिरस्थितान् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related