Adhyay : 10 Mantra : 85 Back to listings इदं तु वृत्तिवैकल्यात्त्यजतो धर्मनैपुणम् । विट्पण्यं उद्धृतोद्धारं विक्रेयं वित्तवर्धनम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related