Adhyay : 10 Mantra : 84 Back to listings कृषिं साध्विति मन्यन्ते सा वृत्तिः सद्विगर्हिताः । भूमिं भूमिशयांश्चैव हन्ति काष्ठं अयोमुखम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related