Adhyay : 10 Mantra : 71 Back to listings अक्षेत्रे बीजं उत्सृष्टं अन्तरैव विनश्यति । अबीजकं अपि क्षेत्रं केवलं स्थण्डिलं भवेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related