Adhyay : 10 Mantra : 48 Back to listings मत्स्यघातो निषादानां त्वष्टिस्त्वायोगवस्य च । मेदान्ध्रचुञ्चुमद्गूनां आरण्यपशुहिंसनम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related