(आर्यो के समाज में) ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य ये तीन वर्ण विद्याध्ययन रूपी दूसरा जन्म प्राप्त करने वाले (2/146-148 इस संस्करण में 2/121-123) है, अतः द्विज कहलाते है चौथा विद्याध्ययनरूपी दूसरा जन्म न होने के कारण एकजाति= जन्म वाला शूद्रवर्ण है पाचवाँ कोई वर्ण नहीं है ।