Adhyay : 10 Mantra : 35 Back to listings मृतवस्त्रभृत्स्व्नारीषु गर्हितान्नाशनासु च । भवन्त्यायोगवीष्वेते जातिहीनाः पृथक्त्रयः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related