Adhyay : 10 Mantra : 31 Back to listings प्रतिकूलं वर्तमाना बाह्या बाह्यतरान्पुनः । हीना हीनान्प्रसूयन्ते वर्णान्पञ्चदशैव तु । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related