एते षट्सदृशान्वर्णाञ् जनयन्ति स्वयोनिषु । मातृजात्यां प्रसूयन्ते प्रवारासु च योनिषु

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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