झल्लो मल्लश्च राजन्याद्व्रात्यान्निच्छिविरेव च । नटश्च करणश्चैव खसो द्रविड एव च ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *