Adhyay : 10 Mantra : 131 Back to listings एष धर्मविधिः कृत्स्नश्चातुर्वर्ण्यस्य कीर्तितः । अतः परं प्रवक्ष्यामि प्रायश्चित्तविधिं शुभम् । । Leave a comment यह चारों वर्णों के व्यक्तियों का धर्म विधान कहा है इसके बाद अब शुभ प्रायश्चित की विधि कहूँगा Related