Adhyay : 1 Mantra : 85 Back to listings अन्ये कृतयुगे धर्मास्त्रेतायां द्वापरेऽपरे । अन्ये कलियुगे नॄणां युगह्रासानुरूपतः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related