अरोगाः सर्वसिद्धार्थाश्चतुर्वर्षशतायुषः । कृते त्रेतादिषु ह्येषां आयुर्ह्रसति पादशः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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