Adhyay : 1 Mantra : 82 Back to listings इतरेष्वागमाद्धर्मः पादशस्त्ववरोपितः । चौरिकानृतमायाभिर्धर्मश्चापैति पादशः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related