Adhyay : 1 Mantra : 66 Back to listings पित्र्ये रात्र्यहनी मासः प्रविभागस्तु पक्षयोः । कर्मचेष्टास्वहः कृष्णः शुक्लः स्वप्नाय शर्वरी Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related