Adhyay : 1 Mantra : 39 Back to listings किन्नरान्वानरान्मत्स्यान्विविधांश्च विहङ्गमान् । पशून्मृगान्मनुष्यांश्च व्यालांश्चोभयतोदतः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related