Adhyay : 1 Mantra : 25 Back to listings तपो वाचं रतिं चैव कामं च क्रोधं एव च । सृष्टिं ससर्ज चैवेमां स्रष्टुं इच्छन्निमाः प्रजाः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related