यन्मूर्त्यवयवाः सूक्ष्मास्तानीमान्याश्रयन्ति षट् । तस्माच्छरीरं इत्याहुस्तस्य मूर्तिं मनीषिणः ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *