Adhyay : 1 Mantra : 107 Back to listings अस्मिन्धर्मोऽखिलेनोक्तो गुणदोषौ च कर्मणाम् । चतुर्णां अपि वर्णानां आचारश्चैव शाश्वतः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related