Adhyay : 1 Mantra : 105 Back to listings पुनाति पङ्क्तिं वंश्यांश्च सप्तसप्त परावरान् । पृथिवीं अपि चैवेमां कृत्स्नां एकोऽपि सोऽर्हति Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related