Manu Smriti
विशिष्ट वैदिक विद्वानों द्वारा प्रामाणिक टिप्पणियों के साथ मनु के मूल कानून।
 
 
श्री रतिराम जी शर्मा का परिचय
श्री रतिराम जी शर्मा ने देवराला ग्राम में जन्म लेकर सुदूर हरियाणा से बंगाल की धरती को अपनी कर्म भूमि बनाया पूंजी के रूप में माता-पिता का आशीर्वाद और ऋषि दयानन्द के सिद्धांत
लगभग १९ वर्ष में, भारत की आजादी के एक वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुई जीवन यात्रा ने आज लगभग ९० वर्ष की आयु तक ईश्वर की विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा शून्य से शिखर की यात्रा में केवल सच्ची लगन और सच्चे प्रण का आश्रय, दयानन्द के उपदेश और वेद का आदेश.....READ MORE
 
वैदिक संस्थान
ईश्वरी जान वेद को जन सामान्य तक पहुंचाने का भगीरथ कार्य करने वाले, उत्तम विद्वान, आदर्श ब्रहमचारी, महान समाज सुधारक, परम देशभक्त स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज की एक भगिनी संस्था है - वैदिक संस्थान
संसार में संपूर्ण सुख शांति के लिए एक ईश्वर एक धर्म एक पूजा पद्धति की संकल्पना करने वाले स्वामी दयानंद सरस्वती ने धर्म के नाम पर समाज में फैले हुए मत मत-मतांतरणों, बाड़े, कुरीतियां व्हेम,अंधश्रद्धा, पाखंड, भूत-प्रेत,फलित ज्योतिष ,बलि प्रथा जातिवाद इत्यादि के उन्मूलन हेतु आर्य समाज की स्थापना की हुई हैं |
आर्य समाज मानव मात्र की शारीरिक ,....READ MORE
 
जयसिंह जी गहलौत
श्रीमान ओम दत्त जी का जीवन रियासतकाल से अध्ययन व अध्यापन से जुड़ा हुआ था ! उनका जीवन आर्ष सिद्धांतों व दयानंद की जीवनी से प्रेरित व पुष्पित था ! सदैव गांभीर्य आत्मोन्नति व समाज सेवा उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य था ! आर्य जगत के विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में सदैव उनकी गरिमामय उपस्थिति रहती थी ! इंग्लैंड मॉरीशस अफ़्रीका वह कई अन्य देशों के सम्मेलनों में आपने भाग लिया ! आप राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद दिल्ली में सदस्य रहे ! युवा चेतना व स्वाध्यायशील राष्ट्रीय चिंतन व आर्य समाज के सिद्धांतों में प्रचार प्रसार हेतु आपने कई बार पुरोहित संस्कार शिविर में भाग लिया ! आप की प्रेरणा से कई लोगों ने आर्य समाज को अपने जीवन में उतारा! वे आर्य समाज सूरसागर के संस्थापना के मुख्य सदस्य में एक थे ! आपके द्वारा संस्था में हॉल का निर्माण किया गया !....READ MORE