~पं.मनसाराम जी वैदिक तोप~राजेंद्र जी जिज्ञासु

लौह लेखनी चलाई, धूम धर्म की मचाई।

जयोति वेद की जगाई, सत्य कीर्ति कमाई।।

तेरे सामने जो आये, मतवादी घबराये।

कीनी पोप से लड़ाई, ध्वजा वेद की झुलाई।।

वैदिक तोप नाम पाया, दुर्ग ढोंग का गिराया,

विजय दुंदुभि बजाई।।

रूढ़िवादी को लताड़ा, मिथ्या मतों को पछाड़ा।।

काँपे अष्टादश पुराण, पोल खोलकर दिखाई।।

लेखराम के समान, ज्ञानी गुणी मतिमान।

जान जोखिम में डाल, धर्म भावना जगाई।।

जिसकी वाणी में विराजे, युक्ति, तर्क व प्रमाण।

धाक ऋषि की जमाई, फैली वेद की सच्चाई।।

मनसाराम जी बेजोड़, कष्ठसहे कई कठोर।

धुन देश की समाई, लड़ी गोरोंसे लड़ाई।।

बड़ा साहसी सुधीर, मनसाराम प्रणवीर,

सफल हुआ जन्म जीवन, तार गई तरुणाई।।

धर्म धौंकनी चलाई, राख तमकी हटाई।

जीवन समिधा बनाके, ज्ञानाग्नि जलाई।।

~राजेंद्र जी जिज्ञासु~

6 thoughts on “~पं.मनसाराम जी वैदिक तोप~राजेंद्र जी जिज्ञासु”

  1. आदरणीय जिज्ञासु जी सादर नमस्ते । आदरणीय महोदय मुझे शीघ्र विवेकानंद के द्वारा गौमांस खाने वाले प्रमाण चाहियें ।ये मुझे आर एस एस के एक समर्थक को देने हैं ।परोपकारी में आपके द्वारा दिए थे लेकिन वो अंक फ़िलहाल मिल नहीं रहा है ।इसके लिए अजमेर भी अनुरोध किया है लेकिन अभी तक 5 दिन बाद भी कोई उत्तर नहीं मिला है ।कृपया शीघ्र उपलब्ध हो जाएँ आपकी अति कृपा होगी ।

  2. श्री ऋषव आर्य जी आपने यहाँ जिन लिंक्स को उद्दृत किया है उनमें विवेकानंद के गौमांस खाने वाले प्रसंग नहीं हैं ।मै ढूंढ नहीं पा रहा हूँ परोपकारी के उस अंक को जिसमें उनके गौमांस खाने के प्रसंग थे ।इन प्रसंगों वाले अंक तो मेरे पास हैं ।गौमांस भक्षण के प्रसंगों का आदरणीय जिज्ञासु जी को पता है ।यदि कहीं से इन प्रसंगों को उपलब्ध करवा सकें तो आपकी बड़ी कृपा होगी ।

    1. वो प्रसंग आपको स्वामी विद्यानंद जी द्वारा रचित “विवेकानन्द की विचार धारा ” में मिल जायेगा .
      उस पुस्तक में दिया हुआ है . जिसमें कुछ लोगों ने विवेकानन्द से प्रश्न किया था की आप गौ मांस क्यों खाते हैं?
      स्वामी विद्यानंद जी ने प्रश्न और विवेकानन्द का उत्तर दोनों ही दिए हुए हैं .

  3. Sir ji manniya stimaan ji aap Holy Bible ka arth to kv samajh nhi paenge mai aapse agrah karunga upnishad ved padie or gita k adhyay padie jisme paap harne wale kuwari se janme YESHU MASIH k bare me likha hai, or ye v likha hai k koi murti na banana na uski upasana karna. HUM prathna krenge aap k lie jaisa PAVITRA BIBLE me likha hai YESHU MASHI aap ko sadbuddhi de taki aap satya ko dhunde Or satya apko swatantra kre or satya marag or jivan YESHU MASIH hai. Amen
    Jai MASIH ki

    1. Please let me know you opinion about below bible verse

      Luke 19:27
      But as for these enemies of mine, who did not want me to reign over them, bring them here and slaughter them before me.’”

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