हदीस : मैले कपड़े

मैले कपड़े

आयशा हमें बतलाती हैं-”अल्लाह के रसूल ने वीर्य धोया और फिर उन्हीं कपड़ों में इबादत के लिए चल दिए और मैंने उनके कपड़ों पर धुलाई का धब्बा देखा“ (500)। इसी आशय की एक और हदीस है, परंतु उसमें फ्रायडीय अभिप्राय वाला कुछ मसाला भी है। आयशा के घर पर ठहरे एक मेहमान को रात्रि में, स्वप्नदोष हो गया। उसने अगले दिन अपने कपड़ों को धोने के लिए पानी में डुबोया। एक सेविका ने यह सब देख लिया और आयशा को खबर दी। आयशा ने मेहमान से पूछा-”तुमने कपड़ों को दी तरह क्यों डुबोया ?“ उसने जवाब दिया-”मैंने स्वप्न में वह देखा, जो लोग सोते समय देखते हैं।“ तब आयशा ने पूछा-”क्या तुमने अपने कपड़ों पर वीर्य के धब्बे देखे ?“ उसने कहा-”नहीं।“ वे बोलीं-”तुमने कुछ देखा होता, तब तो धोना चाहिए था। मैं जब देखती हूँ कि अल्लाह के रसूल के कपड़े पर लगा वीर्य सूख गया है, तब मैं उसे अपने नाखूनों से खुरच देती हूं“ (572)।

author : ram swarup

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